बिहार के मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप को शुक्रवार को पटना की बेऊर जेल से रिहा कर दिया गया. मनीष कश्यप पर केरल में बिहार के मजदूरो की पिटाई का फर्जी विडियो को शेयर करने का आरोप है.
क्या मनीष कश्यप जेल से छूट गया?
मनीष कश्यप पिछले 9 महीने से पटना के बेऊर जेल में बंद थे. पटना हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बीते शुक्रवार को 9 महीने बाद वो जेल से बहार निकले. उनके जेल के बाहर आने पर बहार उनके समर्थको की भारी भीड़ थी. लोगो ने उनका जोर शोर से स्वागत किया और फूलमालाए पहनाई .
जेल से बाहर आते ही मनीष ने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला और एक के बाद एक कई बयान दिए. मनीष ने कहा कि बिहार में कंस की सरकार चल रही है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है, लेकिन उनके समर्थकों से आग्रह किया कि वो रास्ता खाली कर दें ताकि वे आगे बढ़ सकें. मनीष का यह बयान साफ इशारा है कि वह अभी भी बिहार सरकार से खफा हैं। उन्हें लगता है कि उनपर लगे आरोप बेबुनियाद थे और सरकार ने उन्हें निशाना बनाया.
फर्जी विडियो शेयर करने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
मनीष कश्यप ने मार्च 2023 में कुर्की-जब्ती के बाद सरेंडर कर दिया था. उनपर बिहार के प्रवासी मजदूरों पर फर्जी वीडियो बनाने और प्रसारित करने का आरोप लगाया गया था. इसके अलावा मनीष पर बिहार के बेतिया जिले में कई अन्य मामले भी दर्ज थे, जिनमें विधायक से मारपीट और बैंक मैनेजर को धमकी देना शामिल है. वहीं, तमिलनाड़ु में भी मनीष के खिलाफ 6 मामले दर्ज थे. इन सभी मामलों में उन्हें अदालत से जमानत मिली थी.
तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर लगाया था NSA
बता दें कि इस फर्जी विडियो के कसे के बाद तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर NSA लगाया था. इससे राहत पाने के लिए मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. सप्रीम कोर्ट से मनीष को NSA से तो राहत मिल गयी लेकिन बाकी मामलों में उन्हें कोई खास छूट नहीं मिली थी.
अब इसके बाद देखते हैं कि क्या मनीष कश्यप अपने पत्रकारिता के तरीके और कंटेंट में कोई बदलाव लाते हैं या फिर वही विवादस्पद शैली अपनाते रहेंगे. उनके वीडियोज पर लगातार उन्हें निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं. फिलहाल मनीष के समर्थकों के लिए उनकी रिहाई खुशी की बात है. लंबे समय बाद वह अपने परिवार और दोस्तों से मिल पाए हैं. उनके लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है.